Monday, April 6, 2009

जीतें हैं जिंदिगी कुछ ऐसे......

जीतें हैं जिंदिगी कुछ ऐसे
की गम भी पास न आए
खुशी रहे सिर्फ़ साथ
हर लम्हा बने खास
चाँद सितारे देते मिसाल
तिनका तिनका हो जाता खुशाल
छाया रहता हर वक्त एक नशा
दिल में रहती उम्मीद की आशा
जिससे शब्दों में न कर सकें बयान
एक एहसास जिसके लिए हर पल जी उठें

1 comment:

  1. wah wah!! loved it :)

    woh kehte hain na--"zindagi zindadili ka naam hain...
    marnewale kya khaak jiya karte hain?!!"

    cheers!

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